समय ही भविष्य है
वृक्ष बनने के लिए बीज को मिटना ही पड़ता है। यदि बीज न मिटने की ही शर्त और अहंकार पर टिका रहे तेा कभी भी वृक्ष नहीं बन सकता। दूसरा सूत्र में और मेरा का स्वार्थ/भावना ही व्यक्ति को संकुचित बनाती है। वर्तमान में राजनीति भी इन्हीं दो सूत्रों के ही इर्द-गिर्द घूमती नजर आ रही है। परिणामस्व…